कबीरा खड़ा बाज़ार में दियो लंड लटकाए, जिसको जितना चाहिए काट-काट ले जाए। बीवी साली दोउ खड़े किसकी चूत बजाय, बलिहारी किस्मत आपनी दोनों दियो दिलाय। रहिमन इतना दीजिये सब खुश होई जाए, बीवी सूखी न रहे पड़ोसन भी गीली होई जाए। तुलसी गए मेला देखन, देखे पांच टांग को घोडा, चार उसकी टाँगे थी, पांचवा उसका लोडा। कबीरा चढ़ा पहाड़ पर करके चुतड चौड़े, नीचे से मीरा बोली उतर बहन के लौड़े। ऐसी मारी कबीर की जैसे मारत सांड, जाग सवेरे देखा तो गांड बनी ब्रह्मांड। शीशी भरी गुलाब की पड़ी पलंग के पास, चोदने वाले चोद गए अब तू क्यों पड़ी उदा فراءة المزيد